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क्यों हो गया ना ?

मेरी ये कहानी मेरी एक ई-मित्र को समर्पित है – प्रेम गुरुगुरूजी कहते हैं “जिन के घर शीशे के होते हैं वो लाईट जला कर मुट्ठ नहीं मारा करते ”रात के कोई साढ़े दस बजे हैं। मैंने सभी दरवाजे और खिड़कियाँ बंद कर के एक ब्लू-मूवी डाल लगाई। एक ३५-३६ साल की औरत सोफे की आर्म्स पर अपनी दोनों टांगें चौड़ी किये हस्त मैथुन कर रही है,क्योंहोगयाना एक हाथ की अंगुली उसकी चूत में सटासट आ जा रही है और दूसरे हाथ की अंगुली उसकी गांड में। बीच बीच में वो अपनी चूत वाली अँगुली को मुंह में लेकर चटखारे ले रही है और आह …. उन्ह्ह…. की आवाज निकाल रही है।वाह…. क्या मस्त सीन है !मैं ड्राइंग रूम में अकेला सोफे पर बैठा हूँ बिलकुल नंगधड़ंग, पप्पू बेकाबू हुआ जा रहा है। आज तो उसका जलाल और लम्बाई देखने लायक है। अड़ियल टट्टू की तरह अकड़ा हुआ है. इतने में मोबाइल की घंटी बजती है, मैंने मोबाइल की स्क्रीन देखी पर नंबर की जगह केवल

(责任编辑:आज का तुला राशिफल)

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