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छत्तीसगढ़ कांग्रेस का ट्रम्प कार्ड,, बाबा बालदास अब राहुल गांधी के साथ करेंगे चुनाव प्रचार

2023-09-16 07:01:45 来源:लूज मोशन मेडिसिन作者:आकाश मधवाल 点击:665次
में बीजेपी को तीसरी बार सत्ता तक पहुंचाने वाले सतनामी समाज के धर्मगुरु बाबा बालदास अब कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं. खास बात यह है कि ये दोनों कांग्रेस अध्यक्ष के साथ चुनावी प्रचार पर निकलेंगे.बता दें कि 9 नवंबर को राहुल गांधी दो दिवसीय प्रवास पर छत्तीसगढ़ आ रहे हैं. वे पहले दौर की 18 विधानसभा सीटों में से लगभग एक दर्जन सीटों पर पार्टी का प्रचार करेंगे और चुनावी सभाएं करेंगे.कांग्रेस अध्यक्ष के इस दौरे में आधा दर्जन से ज्यादा ऐसी सीट शामिल हैं,छत्तीसगढ़कांग्रेसकाट्रम्पकार्डबाबाबालदासअबराहुलगांधीकेसाथकरेंगेचुनावप्रचार जहां सतनामी समुदाय का बड़ा वोट बैंक किसी भी राजनैतिक दल के लिए महत्वपूर्ण स्थान रखता है. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने चौथी बार बीजेपी के सत्ता में काबिज होने के दावे को नेस्तनाबूत करने के लिए इस तुरुप के पत्ते के तौर पर इस्तेमाल करने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है. कांग्रेस पार्टी मुख्यालय में बाबा बालदास और बाबा खुशवंत सहाय का गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया . इसके साथ ही पार्टी ने दोनों को उन इलाको में चुनावी प्रचार की कमान सौंपी है, जहां अनुसूचित जाती वर्ग का सतनामी समुदाय का बड़ा वर्ग रहता है.बाबा बालदास और बाबा खुशवंत सहाय के साथ राहुल गांधी उन इलाकों में वोटरों का हृदय परिवर्तन करने की कोश‍िश करेंगे, जहां बीजेपी को अच्छे खासे वोट मिलने के आसार थे.गौरतलब है कि पिछले विधानसभा चुनाव में यही बाबा बालदास थे, जिन्होंने सतनाम सेना का गठन कर बीजेपी को सत्ता तक पहुंचा दिया था. वहीं पहली बार चुनाव में कूदी सतनाम सेना ने कांग्रेस के वोट बैंक को बुरी तरह से काटा था. इस बार बाबा जी खुद कांग्रेस के दरबार में चले आएं हैं. इससे बीजेपी के अरमानों पर पानी फिरता नजर आ रहा है. हालांकि, पार्टी का दावा है कि इस बार बाबा बालदास का वो रंग नहीं है, जैसा पिछली बार उन्होंने जमाया था. लिहाजा उनके कांग्रेस में जाने से पार्टी को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. उधर बाबा बालदास ने सतनामी समुदाय को कांग्रेस में शामिल होने पर अपने अनुयाइयों को सफाई दी है. उन्होंने कहा है कि पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने बीजेपी का सपोर्ट इसलिए किया था कि सतनामी समुदाय की सामाजिक और आर्थिक उन्नति होगी, लेकिन बीजेपी उनकी नजरों में खरी नहीं उतरी.बाबा बालदास की सतनाम सेना आज भी उनके साथ है. हालांकि, इस बार चुनाव लड़ने के बजाए सतनाम सेना के जवान घर-घर जाकर कांग्रेस का प्रचार करने में जुटे हुए हैं.उधर राजनैतिक गलियारों में बाबा बालदास को कांग्रेस का ट्रम्प कार्ड माना जा रहा है. उन समीकरणों का आंकलन किया जा रहा है, जहां अब बीजेपी को भारी नुकसान झेलना पड़ेगा. बाबा के कांग्रेस का दामन थामने के बाद बीजेपी भले ही जो भी दावा करे, लेकिन उसके तमाम उम्मीदवार पशोपेश में हैं.छत्तीसगढ़ में कुल 1 करोड़ 85 लाख 59 हजार मतदाताओं में से 24 लाख 12 हजार से अधिक मतदाता अनुसूचित जाती के हैं. राज्य में इस वर्ग के लिए 10 विधानसभा सीट आरक्षित हैं.वहीं कभी कांग्रेस की इस समुदाय ने अच्छी-खासी पैठ थी, लेकिन पिछले विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने सेंधमारी कर इस समुदाय का बड़ा वोट बैंक हथिया लिया था. इस बार भी इस समुदाय को साधने के लिए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी दोनों ने बाबा बालदास के धाम गिरोधपुरी में मत्था टेका था, लेकिन इस बार बाबा का आशीर्वाद ही नहीं, बल्कि वे खुद ही कांग्रेस के खेमे में चले आए.
作者:वैभव अरोड़ा
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